महाशिवरात्रि: उत्सव, नियम और महत्व
महाशिवरात्रि: उत्सव, नियम और महत्व
वाराणसी में शिवरात्रि कैसे मनाई जाती है?
वाराणसी में महाशिवरात्रि अत्यंत भव्यता से मनाई जाती है। काशी विश्वनाथ मंदिर में लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए आते हैं। इस दिन गंगा स्नान, रुद्राभिषेक, और रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है।
क्या भगवान शिव वाराणसी में रहते थे?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव वाराणसी में ही निवास करते हैं और यह शहर स्वयं शिव की नगरी मानी जाती है।
भारत में सबसे बड़ा शिवरात्रि मेला कौन सा है?
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर का महाशिवरात्रि मेला भारत में सबसे बड़ा माना जाता है।
शिवरात्रि व्रत के नियम और महत्व
- पूरे दिन उपवास रखा जाता है और केवल फलाहार या दूध का सेवन किया जाता है।
- रातभर जागकर भगवान शिव का ध्यान और मंत्र जाप किया जाता है।
- चार प्रहर की पूजा की जाती है।
शिवरात्रि पर क्या नहीं करना चाहिए?
महाशिवरात्रि पर तामसिक भोजन (मांस, शराब, प्याज, लहसुन) से परहेज करना चाहिए। साथ ही क्रोध, नकारात्मक विचारों और झूठ से बचना चाहिए।
शिवरात्रि पर उपवास और आहार संबंधी प्रश्न
- क्या मैं शिवरात्रि पर पानी पी सकता हूं? हाँ, पानी पी सकते हैं।
- क्या हम शिवरात्रि के दौरान स्नान कर सकते हैं? हाँ, यह शुभ माना जाता है।
- क्या शिवरात्रि पर दूध पी सकते हैं? हाँ, दूध और दूध से बने पदार्थ उपवास में लिए जा सकते हैं।
- क्या शिवरात्रि पर चाय या कॉफी पी सकते हैं? हाँ, लेकिन बिना चीनी वाली चाय बेहतर होती है।
- क्या शिवरात्रि पर रोटी खा सकते हैं? नहीं, केवल फलाहार और उपवास अनाज जैसे साबूदाना, कुट्टू, सिंघाड़े का सेवन करें।
शिवरात्रि और भांग का सेवन
भांग भगवान शिव को प्रिय मानी जाती है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन से बचना चाहिए।
महाशिवरात्रि पर क्यों जागते हैं?
महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व है क्योंकि यह शिव तत्त्व को जागृत करने का समय होता है।
शिव और केदारनाथ
केदारनाथ धाम भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां शिव भक्त कठिन यात्रा कर बाबा केदार के दर्शन करने आते हैं।
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि भगवान शिव का विशेष दिन है जो आध्यात्मिक उन्नति और आत्मशुद्धि का पर्व है। इस दिन व्रत, ध्यान, और शिव पूजन कर शिव कृपा प्राप्त की जा सकती है।